मानव पर जगती का शासन,जगती पर संसृति का बंधन,संसृति को भी और किसी के प्रतिबंधों में रहना होगा!साथी, सब कुछ ...

मानव पर जगती का शासन,जगती पर संसृति का बंधन,संसृति को भी और किसी के प्रतिबंधों में रहना होगा!साथी, सब कुछ ...
हम भारत की अमर जवानी, सागर की लहरें लासानी, गंग-जमुन के निर्मल पानी, हिमगिरि की ऊंची पेशानी सबके प्रेरक, रक्षक, मीत । ...
जो बीत गई सो बात गई जीवन में मधु का प्याला था तुमने तन मन दे डाला था वह टूट गया तो टूट ...
जीवन पथ की पहचान कराती हरिवंशराय बच्चन की कविता- पूर्व चलने के बटोही ...